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sarahlouise

July 23, 2023

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अगर मैं बहुत अमीर होती तो क्या करती ?

लोग अक्सर कहते हैं की ज़िंदगी में बहुत अमीर होना और ख़ुश होना अलग चीज़ें हैं । लेकिन यह हमेशा सच नहीं है । लोगों को पैसे की ज़रूरत होती हैं क्योंकि सच भी यह है की आजकल हमारा बैंक बैलेन्स हमारे लिए फ़ैसला करता है की हम सभी को कितनी आज़ादी मिलेगी । मेरा मतलब यह है की अगर आपके पास कम पैसा है, तो आपकी निर्णय लेने की स्वतंत्रा भी कम है । यह ऐसा होता है क्योंकि जब लोगों के पास अधिक पैसा है, तो उन्हें जीवन में अधिक विकल्प मिल सकते हैं । इसलिए दुख की बात यह है कि पैसे के बिना आज़ादी वाला होना बहुत मुश्किल है ।

इक्कीसवीं सदी में यह भी एक मामला है कि दुनिया के अधिकांश पैसे वाले अमीर होते हैं क्योंकि वे ग़रीबों का शोषण करते हैं । यह वर्तमान नव-उदारतावाद विश्व व्यवस्था की वजह से एक बढ़ती हुई समस्या है । ऑक्सफ़म इंटर्नैशनल के अनुसार विश्व के 2153 अरबपतियों के पास विश्व की जनसंख्या के साठ प्रतिशत से अधिक संपत्ति है । और विश्व की जनसंख्या के पचास प्रतिशत को दैनिक वेतन मिलता है, जो केवल 6.7 यूएस डॉलर का है ।

इसलिए अगर मैं बहुत अमीर होती तो मैं तीन चीज़ें करती । सबसे पहले, मैं अपनी आज़ादी में पैसे लगाती । दूसरे, मैं अपने परिवार और दोस्तों के लिए भी ऐसा करती । और तीसरे, मैं वैश्विक असमानता को कम करने के लिए अपनी संपत्ति का उपयोग करती ।

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लोग अक्सर कहते हैं कि ज़िंदगी में बहुत अमीर होना और ख़ुश होना अलग चीज़ें हैं । लेकिन यह हमेशा सच नहीं है । लोगों को पैसे की ज़रूरत होती हैं क्योंकि सच भीतो यह है कि आजकल हमारा बैंक बैलेन्स हमारे लिए फ़ैसला करता है कि हम सभी को कितनी आज़ादी मिलेगी । मेरा मतलब यह है कि अगर आपके पास कम पैसा है, तो आपकी निर्णय लेने की स्वतंत्रा भी कम है । यह ऐसा होता है क्योंकि जब लोगों के पास अधिक पैसा होता है, तो उन्हें जीवन में अधिक विकल्प मिल सकते हैं । इसलिए दुख की बात यह है कि पैसे के बिना आज़ादी वाला हो होना (or आज़ादी पाना) बहुत मुश्किल है ।


इक्कीसवीं सदी में यह भी
एक मामलासच है कि दुनिया के अधिकांश पैसे वाले अमीर होते हैं क्योंकि वे ग़रीबों का शोषण करते हैं । यह वर्तमान नव-उदारतावाद विश्व व्यवस्था की वजह से एक बढ़ती हुई समस्या है । ऑक्सफ़म इंटर्नैशनल के अनुसार विश्व के 2153 अरबपतियों के पास विश्व की जनसंख्या के साठ प्रतिशत जनसंख्या से अधिक संपत्ति है । और विश्व की जनसंख्या के पचास प्रतिशत को दैनिक वेतन मिलता है, जजनसंख्या को केवल 6.7 यूएस डॉलर के बराबर दैनिक वेतन मिलता है ।


इसलिए अगर मैं बहुत अमीर होती तो मैं तीन चीज़ें करती । सबसे पहले, मैं अपनी आज़ादी में पैसे लगाती । दूसरे, मैं अपने परिवार और दोस्तों के लिए भी ऐसा करती । और तीसरे, मैं वैश्विक असमानता को कम करने के लिए अपनी संपत्ति का उपयोग करती ।

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Great text! Well formulated and clear arguments.
You used 'की' in some places where you meant 'कि'. But for the most part you had barely any mistakes :)

sarahlouise's avatar
sarahlouise

July 24, 2023

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I can, indeed, see की being everywhere now. I think I was too tired to see that myself yesterday 😂. आपकी मदद के लिए बहुत बहुत शुक्रिया 💐

अगर मैं बहुत अमीर होती तो क्या करती ?


लोग अक्सर कहते हैं की ज़िंदगी में बहुत अमीर होना और ख़ुश होना अलग चीज़ें हैं । लेकिन यह हमेशा सच नहीं है । लोगों को पैसे की ज़रूरत होती हैं क्योंकि सच भी यह है की आजकल हमारा बैंक बैलेन्स हमारे लिए फ़ैसला करता है की हम सभी को कितनी आज़ादी मिलेगी । मेरा मतलब यह है की अगर आपके पास कम पैसा है, तो आपकी निर्णय लेने की स्वतंत्रा भी कम है । यह ऐसा होता है क्योंकि जब लोगों के पास अधिक पैसा है, तो उन्हें जीवन में अधिक विकल्प मिल सकते हैं । इसलिए दुख की बात यह है कि पैसे के बिना आज़ादी वाला होना बहुत मुश्किल है । इक्कीसवीं सदी में यह भी एक मामला है कि दुनिया के अधिकांश पैसे वाले अमीर होते हैं क्योंकि वे ग़रीबों का शोषण करते हैं । यह वर्तमान नव-उदारतावाद विश्व व्यवस्था की वजह से एक बढ़ती हुई समस्या है । ऑक्सफ़म इंटर्नैशनल के अनुसार विश्व के 2153 अरबपतियों के पास विश्व की जनसंख्या के साठ प्रतिशत से अधिक संपत्ति है । और विश्व की जनसंख्या के पचास प्रतिशत को दैनिक वेतन मिलता है, जो केवल 6.7 यूएस डॉलर का है । इसलिए अगर मैं बहुत अमीर होती तो मैं तीन चीज़ें करती । सबसे पहले, मैं अपनी आज़ादी में पैसे लगाती । दूसरे, मैं अपने परिवार और दोस्तों के लिए भी ऐसा करती । और तीसरे, मैं वैश्विक असमानता को कम करने के लिए अपनी संपत्ति का उपयोग करती ।


लोग अक्सर कहते हैं कि ज़िंदगी में बहुत अमीर होना और ख़ुश होना अलग चीज़ें हैं । लेकिन यह हमेशा सच नहीं है । लोगों को पैसे की ज़रूरत होती हैं क्योंकि सच भीतो यह है कि आजकल हमारा बैंक बैलेन्स हमारे लिए फ़ैसला करता है कि हम सभी को कितनी आज़ादी मिलेगी । मेरा मतलब यह है कि अगर आपके पास कम पैसा है, तो आपकी निर्णय लेने की स्वतंत्रा भी कम है । यह ऐसा होता है क्योंकि जब लोगों के पास अधिक पैसा होता है, तो उन्हें जीवन में अधिक विकल्प मिल सकते हैं । इसलिए दुख की बात यह है कि पैसे के बिना आज़ादी वाला हो होना (or आज़ादी पाना) बहुत मुश्किल है ।


इक्कीसवीं सदी में यह भी
एक मामलासच है कि दुनिया के अधिकांश पैसे वाले अमीर होते हैं क्योंकि वे ग़रीबों का शोषण करते हैं । यह वर्तमान नव-उदारतावाद विश्व व्यवस्था की वजह से एक बढ़ती हुई समस्या है । ऑक्सफ़म इंटर्नैशनल के अनुसार विश्व के 2153 अरबपतियों के पास विश्व की जनसंख्या के साठ प्रतिशत जनसंख्या से अधिक संपत्ति है । और विश्व की जनसंख्या के पचास प्रतिशत को दैनिक वेतन मिलता है, जजनसंख्या को केवल 6.7 यूएस डॉलर के बराबर दैनिक वेतन मिलता है ।


इसलिए अगर मैं बहुत अमीर होती तो मैं तीन चीज़ें करती । सबसे पहले, मैं अपनी आज़ादी में पैसे लगाती । दूसरे, मैं अपने परिवार और दोस्तों के लिए भी ऐसा करती । और तीसरे, मैं वैश्विक असमानता को कम करने के लिए अपनी संपत्ति का उपयोग करती ।

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